Sankat Mochan Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi – Sankatmochan Hanuman Ashtak , Hanuman Chalisa ( हनुमान चालीसा)
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi – Gulshan Kumar | Hanuman Bhajan: Hanuman Chalisa (Jai Hanuman Gyan Gun Sagar, Jai Kapisa Tihun Lok Ujagar) Those who Chant Hanuman Chalisa Regularly with full devotion will definitely have very good Health & Wealth. Chanting the Hanuman Chalisa will relieve any kind of illness or adversity and bring Prosperity in one’s life.
Sankatmochan Hanuman Ashtak
॥ हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥
रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मरो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥
बान लाग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सूत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दिए तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥
रावन जुध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥
बंधू समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाये सहाए भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होए हमारो ॥ ८ ॥
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
Sankat Mochan Hanuman Chalisa lyrics In Hindi
दोहा –
`श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई :
`जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
`रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
`महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
`कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
`हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
`सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
`विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
`प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
`सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
`भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
`लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
`रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
`सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
`सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
`जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
`तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
`तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
`जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
`प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
`दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
`राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
`सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
`आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
`भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
`नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
`सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
`और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
`चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
`साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
`अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
`राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
`तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
`अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
`और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
`संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
`जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
`जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
`जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
`तु`लसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
दोहा :
`पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
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Song Credit Details:
🎧 Music Label: T-Series
🎶 Album: Shree Hanuman Chalisa – Hanuman Ashtak
🎤 Singer: Hariharan
🎧 Composer: LALIT SEN, CHANDER
🎶 Author: Traditional (Tulsi Das)
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